वन्दे मातरम् महामन्त्र का विरोध क्यों? क्या जननी जन्मभूमि के प्रति प्रेम और श्रद्धा प्रदर्शित करना धार्मिक आस्थाओं के विरुद्ध हो सकता है ? आज भी यह प्रश्न कई बार […]Read more
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् । निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ १॥ हे मोक्षरूप, विभु, व्यापक, ब्रह्म, वेदस्वरूप, ईशानदिशा के ईश्वर और सबके स्वामी शिवजी, मैं आपको नमस्कार […]Read more