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भक्तियोग

प्रभु नाम जप का क्या फल है ? क्या किसी विशेष भगवान या सहस्त्र नाम के जप से ही उचित फल मिलता है? क्या संकीर्तन केवल मंडली में या ऊँची आवाज़ में ही सफल होता है ? क्या प्रभु नाम का जप केवल १०८ मनके की माला के साथ ही किया जाना चाहिए?

जो मनुष्य अपने पापों का क्षय करके इस संसार सागर से पार जाना चाहते हैं उन्हें तमोगुणीऔर रजोगुणी भूपतियों की उपासना ना करके सत्वगुणी श्री भगवान और उनके उनके अंश […]
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भक्तियोग और भक्तों के विभिन्न प्रकार

साधकों के भाव के अनुसार भक्तियोग का अनेक प्रकार से प्रकाश होता है, क्योंकि भक्त के स्वाभाव और गुणों के भेद से मनुष्यों के भाव में विभिन्नताएँ आ जाती है। […]
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