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देवी-देवता

नित्य एवं नैमित्तिक देवताओं में क्या अंतर है ?

सनातन धर्म शास्त्रों में नित्य देवता ओर नैमित्तिक देवता दो प्रकार के देवता कहे गये हैं।   नित्य देवता वे हैं, कि जिनका पद नित्य स्थायी है। वसुपद, रुद्रपद, आदित्यपद, […]
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माँ सरस्वती कवच

माँ सरस्वती कवच (महर्षि भृगु – ब्रह्मा जी संवाद, ब्रह्मवैवर्त पुराण, प्रकृतिखण्ड: अध्याय 4) श्रणु वत्स प्रवक्ष्यामि कवचं सर्वकामदम्। श्रुतिसारं श्रुतिसुखं श्रुत्युक्तं श्रुतिपूजितम्॥ ब्रह्मा जी बोले– वत्स! मैं सम्पूर्ण कामना […]
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श्रीमद वाल्मीकि रामायण में वर्णित बालि, सुग्रीव अंगद, श्री हनुमान इत्यादि वानर अर्थात बन्दर थे अथवा वन अर्थात जंगल में रहने वाले आदिवासी थे?

यह एक नई भ्रान्ति समाज में व्याप्त है। कुछ बुद्धिमान व्यक्तियों का मत है की यह सब वन+नर अर्थात वन में वास करने वाले नर थे अतः इनका बन्दर प्रजाति […]
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यह कैसे संभव है कि समस्त देवता कश्यप मुनि के पुत्र हैं? क्या कश्यप मुनि देवता थे या साधारण मनुष्य? उन्होंने दूसरे जीवों को भी कैसे जन्म दिया?

यह सवाल हमारे बंधु श्री Sayanha Kshtri द्वारा पूछा गया था। सायनहा जी सवाल पूछने के लिए धन्यवाद और विलम्ब के लिए हम क्षमा चाहते हैं। सवाल उत्तम है क्यूँकि […]
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संतान उत्पत्ति के छठे, इक्कीसवें और अन्नप्राशन से समय पूजा क्यों की जाती है ?

संतान के जन्म के छठे, इक्कीसवें दिन तथा अन्नप्राशन के समय षष्ठी देवी की पूजा करने का विधान है। देवी षष्ठी बालकों की अधिष्ठात्री देवी हैं। मूल प्रकृति के छठे […]
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नित्य एवं नैमित्तिक देवताओं में क्या अंतर है ?

सनातन धर्म शास्त्रों में नित्य देवता ओर नैमित्तिक देवता दो प्रकार के देवता कहे गये हैं।   नित्य देवता वे हैं, कि जिनका पद नित्य स्थायी है। वसुपद, रुद्रपद, आदित्यपद, […]
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हिन्दू धर्म में कितने देवता हैं ? 33 प्रकार के, 33 करोड़, 33,33,333 या फिर 33,333? इन सब गणनाओं का स्रोत क्या है?

यह एक विवादित प्रश्न है जिसके बारे में ज्ञान का सर्वथा अभाव पिछले कुछ वर्षो तक था। वर्तमान काल में समाज में कुछ ज्ञान प्रचारित हुआ है। परंतु उसके स्रोत […]
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क्या हिंदू धर्म भगवान शिव और विष्णु में भेद करता है? क्या शैव और वैष्णव हिंदू होते हुए भी अलग अलग संप्रदाय हैं?

हमारे बंधु श्री राजन जौहर जी को साधुवाद जिन्होने अति महत्वपूर्ण सवाल पूछा: भक्ति और भक्तों के प्रसंग में ना चाहते हुए भी यह कहना पड़ता है की अपने वर्ग […]
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