Home सनातन धर्म

सनातन धर्म

नित्य एवं नैमित्तिक देवताओं में क्या अंतर है ?

सनातन धर्म शास्त्रों में नित्य देवता ओर नैमित्तिक देवता दो प्रकार के देवता कहे गये हैं।   नित्य देवता वे हैं, कि जिनका पद नित्य स्थायी है। वसुपद, रुद्रपद, आदित्यपद, […]
Read more

विराट शरीर की उत्पत्ति तथा विराट शरीर से वर्णों की उत्पत्ति। क्या शूद्र वर्ण को हिन्दू धर्म तुच्छ मानता है?

सर्वशक्तिमान भगवान ने जब देखा की आपस में संगठित ना होने कारण मेरी महत्व आदि शक्तियाँ विश्व रचना में असमर्थ हो रही हैं तब उन्होंने कालशक्ति को स्वीकार कर के […]
Read more

श्री राम यदि स्वयं श्री विष्णु भगवान के अवतार थे और आदि अनन्त सबके ज्ञाता थे तो उन्होंने लंका विजय के पश्चात सीता जी की अग्नि परीक्षा क्यों करवाई? प्रभु श्री राम को रावण का वध करने के लिए सीता का हरण करवाने की क्या आवश्यकता थी ?

यह विवादित प्रश्न सदैव अधर्मियों, विधर्मियों तथा कुधर्मियों द्वारा श्री राम की निंदा करने तथा हिन्दू धर्म पर आघात पहुँचने के लिए किया जाता है। ज्ञान के अभाव में उनको […]
Read more

हमारे देश का नाम भारतवर्ष कैसे पड़ा?

पूर्व काल में भारत वर्ष को अभाजन खंड कहा जाता था । श्री भगवान के आठवें अवतार श्री ऋषभ देव के पुत्रों में महायोगी भरतजी सबसे बड़े तथा सबसे अधिक […]
Read more

प्रभु नाम जप का क्या फल है ? क्या किसी विशेष भगवान या सहस्त्र नाम के जप से ही उचित फल मिलता है? क्या संकीर्तन केवल मंडली में या ऊँची आवाज़ में ही सफल होता है ? क्या प्रभु नाम का जप केवल १०८ मनके की माला के साथ ही किया जाना चाहिए?

जो मनुष्य अपने पापों का क्षय करके इस संसार सागर से पार जाना चाहते हैं उन्हें तमोगुणीऔर रजोगुणी भूपतियों की उपासना ना करके सत्वगुणी श्री भगवान और उनके उनके अंश […]
Read more

भक्तियोग और भक्तों के विभिन्न प्रकार

साधकों के भाव के अनुसार भक्तियोग का अनेक प्रकार से प्रकाश होता है, क्योंकि भक्त के स्वाभाव और गुणों के भेद से मनुष्यों के भाव में विभिन्नताएँ आ जाती है। […]
Read more

बलिवैश्वदेव और पञ्चमहायज्ञ की क्या व्याख्या है? क्या हिन्दू यज्ञों में पशुओं की बलि देने का विधान है ? क्या यज्ञ और हवन केवल वायुशुद्धि के लिए किये जाते हैं?

हिन्दू धर्म में यज्ञ एवं नित्य कर्म में पशुओं “को” बलिभाग देने का विधान है, पशुओं “की” बलि देने का विधान नहीं है। “बलि‘ शब्द का अंग्रेजी अर्थ निकलता है […]
Read more

हिन्दुओं द्वारा मूर्ति पूजा, ईश्वर की साकार रूप में उपासना सही है या गलत ? क्या हिंदु पत्थर या धातु की पूजा करते हैं ? क्या हिंदू बुतपरस्त हैं ?

हम इस विषय में हम अनेकों बार अपने विचार रख चुके हैं परन्तु हिंदु धर्म में साकार और निराकार उपासकों के पृथक पृथक विचारों के कारण यह प्रश्न हमेशा चर्चा […]
Read more

क्या हिन्दू धर्म में भगवान प्राप्ति का उपाय केवल प्रतिमा पूजन है? समस्त प्राणियों में कौन श्रेष्ठ है? हिंदु प्रणाम क्यों करते हैं?

परमात्मा का वास्तविक स्वरूप एकरस, शांत, अभय एवं केवल ज्ञानस्वरूप है। वह सत् और असत् दोनो से परे है। समस्त कर्मों के फल भी भगवान ही देते हैं। क्योंकि मनुष्य […]
Read more

वेदांग

वेदों में वर्णित अर्थ को बिना किसी सहायता के समझना अत्यंत कठिन कार्य है। जिस प्रकार साधारण व्याकरण एवं काव्य कोष आदि का पाठ करने से ही किसी भाषा के […]
Read more