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देवी की अन्य शक्तियों ‘काली’, ‘ब्राह्मणी’, ‘माहेश्वरी’, ‘वैष्णवी’, ‘कौमारी’, ‘वाराही’, ‘नरसिंहि’ तथा ‘ऐंद्रि’ का प्रादुर्भाव तथा धूम्रलोचन, रक्तबीज, शुम्भ निशुम्भ सहित समस्त दैत्य सेना का वध

महिषासुर तथा उसकी सेना के वध के पश्चात इंद्र आदि देवताओं ने भगवती दुर्गा का उत्तम वचनों द्वारा सत्वन किया जिससे प्रसन्न हो कर भगवती देवी ने समस्त देवताओं को […]
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देवताओं के तेज़ से देवी भगवती का प्रादुर्भाव तथा महिषासुर का वध

पूर्वकाल में देवताओं तथा असुरों में पूरे सौ वर्षों तक बड़ा भयंकर युद्ध हुआ। उसमें असुरों का स्वामी महिषासुर तथा देवताओं के नायक इंद्र थे। उस युद्ध में देवताओं की […]
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देवी भगवती दुर्गा जी के सोलह नामों की व्याख्या

वेद के कौथिमि शाखा में जो दुर्गा, नारायणी, ईशाना, विष्णुमाया, शिवा, सती, नित्या, सत्या, भगवती, सर्वाणी, सर्वमंगला, अम्बिका, वैष्णवी, गौरी, पार्वती और सनातनी- ये सोलह नाम बताए गए हैं वो […]
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बुरा न मानो होली है !!!

भक्ति, प्रेम, रंग, हास्य, व्यंग, मनोविनोद तथा हर्षोउल्लास के पर्व होली की आपको व् आपके परिवार, मित्रों, एवं सुहृदयों को हर्दिक शुभकामनायें। फाल्गुन मास की पूर्णिमा में मनाये जाने वाले […]
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शुभ एवं मंगलदायक मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनायें ।

आपको व आपके परिवार, सहृदयों व् मित्रों को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनायें । सूर्यदेव उत्तरायण में स्तिथ हो आपके तथा आपके परिवार को आरोग्यता, धन सम्पदा तथा ऐश्वर्य प्रदान […]
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दीपावली की मंगलमय शुभ कामनाएं।

आपको और आपके परिवार, मित्रों और सहृदयों को दीपावली की मंगलमय शुभ कामनाएं। परब्रह्म स्वरूपिणी महादेवी महालक्ष्मी, आप पर सदा सर्वदा अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखें तथा आपको सिद्धि व् […]
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करवा चौथ व्रत – पत्नी तीर्थ माहात्म्य

एक पत्नीव्रत लिए पति तथा पतिव्रत लिए पत्नी की मान्यता केवल हिन्दू सनातन धर्म विवाह पद्धति में ही पायी जाती है । विश्व के किसी भी अन्य समुदाय या समाज […]
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जन्माष्टमी व्रत पूजा विधि

व्रती को चाहिए की स्नान के पश्च्यात धुले हुए वस्त्र धारण करके आसान पर बैठे आचमन करके स्वस्तिवाचन पूर्वक कलश की स्थापना करे। कलश पर परमेश्वर श्री श्रीकृष्ण का आह्वाहन […]
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जन्म मृत्यु के चक्र से मुक्ति प्राप्त कर मोक्ष प्राप्ति का क्या साधन है?

मनुष्य सर्वदा शारीरिक और मानसिक आदि दुखों से आक्रांत ही रहता हैं। मरणशील तो है ही यदि उसने बड़े श्रम और कष्ट से कुछ धन और भोग प्राप्त कर भी […]
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मृत्यु पश्चात पापी और पुण्य आत्माओं की यमलोक की यात्रा किस प्रकार होती है?

यह क्षण भंगुर संसार चक्र जीवन मरण के प्रवाह रूप से अजर है, निरंतर चलते रहने वाला है । कभी स्थिर नहीं रहता। जन्म के उपरांत मनुष्य बाल्यकाल, कौमार्यवस्था, यौवनावस्था […]
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