संतान के जन्म के छठे, इक्कीसवें दिन तथा अन्नप्राशन के समय षष्ठी देवी की पूजा करने का विधान है। देवी षष्ठी बालकों की अधिष्ठात्री देवी हैं। मूल प्रकृति के छठे […]Read more
दक्षिणा यज्ञ की भार्या हैं। जैसे अग्नि की भार्या स्वाहा हैं (इसीलिए मंत्रौच्चार के बाद अग्नि को आहुति देते समय ‘स्वाहा’ का उच्चारण उनका आह्वान करने के लिए किया जाता […]Read more
हिन्दू धर्म में सभी प्राणियों में ईश्वर का सूक्ष्म अंश आत्मा के रूप में माना गया है जिनके जनक स्वयं श्री भगवानहैं परंतु हिन्दू धर्म पपियोंके विनाश के लिए हिंसा […]Read more
श्राद्ध कर्म – भाग २ श्राद्ध में काल का विचार क्यों किया जाता है तथा श्राद्ध केवल कृष्ण पक्ष अमावस्या में ही क्यों होते हैं श्राद्ध कर्म में ब्राह्मण द्वारा […]Read more
श्राद्ध तर्पण के विषय में भी अनेकों भ्रांतियां विद्यमान है। इस विषय में निम्न प्रश्नो के द्वारा यह प्रमाणित करने का प्रयास किया गया है की श्राद्ध अत्यंत निंदनीय कृत्य […]Read more
विभिन्न पुराणों में अलग अलग देवता को सर्वोपरि बताने का क्या कारण है? क्या इसका कारण एक इष्ट देव को दूसरे से श्रेष्ठ या निम्न दिखाना है? इस प्रश्न […]Read more
यह प्रश्न हमें श्री Ainsley Strom (ऑस्ट्रेलिया) द्वारा हमारे english page पर प्राप्त हुआ जिसका उत्तर हमने अंग्रेजी में दे दिया है परन्तु सभी की शंकाएं दूर करने के लिए […]Read more
महाभारत में अनेकों जगह अहिंसा परमो धर्म: या हिंसा ना करने का उपदेश दिया गया है। परन्तु यह अनुमोदन कदापि नहीं किया गया की हिन्दुओं को हथियार उठाना ही नहीं […]Read more
इस विषय के प्रश्न के उत्तर देते समय हमें महाभारत के अनुसाशन पर्व के दानधर्म पर्व का स्मरण आता है जिसमे भीष्म पितामह ने धर्मराज युधिष्ठिर को सांत्वना देने के […]Read more
हमारे एक बंधु ने हमसे एक सवाल पूछा की क्या सुलेमान रिज़वी के द्वारा लिखे गए लेखों में जोकि truthabouthinduism पर प्रकाशित होते हैं में कुछ सच्चाई है और क्या […]Read more