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Archive: 2019

क्या हिन्दुओं को सांप्रदायिक कहना उचित है? क्या हिन्दू धर्म साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देता है?

अत्यंत दुःख का विषय है की आजकल शास्त्र विहीन देश के नेता कहलाने वाले कुछ लोग केवल अपनी संकीर्ण मानसिकता और स्वार्थ सिद्धि के कारण हिन्दुओं पर सांप्रदायिक होने या […]
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हिन्दू अपने घर में प्रतिदिन दीप क्यों प्रज्वल्लित करते हैं ? हिन्दू धर्म में भगवान् की उपासना दीप प्रज्वल्लित करके ही क्यों की जाती है ?

समस्त सनातन धर्मियों के गृह में प्रातः और सांय काल में दीप प्रज्वल्लित करने की प्रथा है। किसी भी मांगलिक कार्य का शुभारम्भ भी द्वीप प्रज्वल्लित करके ही किया जाता […]
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हिन्दू सनातन धर्म में विवाह की क्या मान्यता है? विवाह से पूर्व कन्या पक्ष द्वारा वर का पूजन क्यों किया जाता है ?

हिन्दू सनातन धर्म में विवाह संस्कार सर्वोपरि महत्व का है। विवाह के उपरान्त ही ब्रह्मचर्य आश्रम की पूर्णता होती है तथा गृहस्थ आश्रम में प्रवेश होता है। मनुष्य की आयु […]
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हिन्दू सभ्यता में ‘अतिथि देवो भव:’ की संतुती क्यों की गयी है? अतिथि को देवतुल्य क्यों माना जाता है? अतिथि की क्या परिभाषा है ?

मनुस्मृति में कहा गया है : संपराप्ताय त्वतीथये प्र्द्द्यादासनोदके। अन्न चैव यथाशक्ति सत्कृत्य विधिपूर्वकम।। (आए हुए अतिथि का आसान, जल और अन्न से यथा शक्ति सत्कार करना चाहिए) श्री विष्णुपुराण […]
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संतान उत्पत्ति के छठे, इक्कीसवें और अन्नप्राशन से समय पूजा क्यों की जाती है ?

संतान के जन्म के छठे, इक्कीसवें दिन तथा अन्नप्राशन के समय षष्ठी देवी की पूजा करने का विधान है। देवी षष्ठी बालकों की अधिष्ठात्री देवी हैं। मूल प्रकृति के छठे […]
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हिन्दू धर्म में यज्ञ, हवन आदि कर्मों में दक्षिणा का प्रावधान क्यों है? कर्म सिद्धि के बाद दक्षिणा क्यों दी जाती है?

दक्षिणा यज्ञ की भार्या हैं। जैसे अग्नि की भार्या स्वाहा हैं (इसीलिए मंत्रौच्चार के बाद अग्नि को आहुति देते समय ‘स्वाहा’ का उच्चारण उनका आह्वान करने के लिए किया जाता […]
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क्या हिन्दू धर्म हिंसा में विश्वास रखता है?

हिन्दू धर्म में सभी प्राणियों में ईश्वर का सूक्ष्म अंश आत्मा के रूप में माना गया है जिनके जनक स्वयं श्री भगवानहैं परंतु हिन्दू धर्म पपियोंके विनाश के लिए हिंसा […]
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श्राद्ध कर्म – भाग २ 

श्राद्ध कर्म – भाग २ श्राद्ध में काल का विचार क्यों किया जाता है तथा श्राद्ध केवल कृष्ण पक्ष अमावस्या में ही क्यों होते हैं श्राद्ध कर्म में ब्राह्मण द्वारा […]
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