आपको और आपके परिवार, मित्रों और सहृदयों को दीपावली की मंगलमय शुभ कामनाएं। परब्रह्म स्वरूपिणी महादेवी महालक्ष्मी, आप पर सदा सर्वदा अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखें तथा आपको सिद्धि व् […]Read more
एक पत्नीव्रत लिए पति तथा पतिव्रत लिए पत्नी की मान्यता केवल हिन्दू सनातन धर्म विवाह पद्धति में ही पायी जाती है । विश्व के किसी भी अन्य समुदाय या समाज […]Read more
व्रती को चाहिए की स्नान के पश्च्यात धुले हुए वस्त्र धारण करके आसान पर बैठे आचमन करके स्वस्तिवाचन पूर्वक कलश की स्थापना करे। कलश पर परमेश्वर श्री श्रीकृष्ण का आह्वाहन […]Read more
मनुष्य सर्वदा शारीरिक और मानसिक आदि दुखों से आक्रांत ही रहता हैं। मरणशील तो है ही यदि उसने बड़े श्रम और कष्ट से कुछ धन और भोग प्राप्त कर भी […]Read more
यह क्षण भंगुर संसार चक्र जीवन मरण के प्रवाह रूप से अजर है, निरंतर चलते रहने वाला है । कभी स्थिर नहीं रहता। जन्म के उपरांत मनुष्य बाल्यकाल, कौमार्यवस्था, यौवनावस्था […]Read more
देवी गंगा जी की उत्पत्ति के विषय में अनेक पौराणिक कथाएं एवं किवदंतियां प्रचलित है। सर्वाधिक प्रचलित कथा श्रीमद वाल्मीकि रामायण में वर्णित है, जिसे महर्षि विश्वामित्र ने श्री राम […]Read more
पृथ्वी आदि कार्यवर्ग का जो सूक्षतम अंश है जिसका और विभाग नहीं हो सकता तथा जो कार्यरूप को प्राप्त नहीं हुआ है उसे ‘परमाणु’ कहते हैं। दो परमाणु मिलने से […]Read more
हमारे बंधु श्री राजे त्यागी जी ने एक सूक्ष्म एवं महत्वपूर्ण विषय उठाया। जिसके विषय में समाज में ज्ञान का सर्वथा अभाव है: हमें बताया जाता है की लोक तीन […]Read more
पृथ्वी आदि कार्यवर्ग का जो सूक्षतम अंश है जिसका और विभाग नहीं हो सकता तथा जो कार्यरूप को प्राप्त नहीं हुआ है उसे ‘परमाणु’ कहते हैं। दो परमाणु मिलने से […]Read more
लेख के प्रारम्भ में हम स्पष्ट करना चाहते है हैं कि लेख का उद्देश्य किसी व्यक्ति विशेष अथवा समुदाय की भावनाओं को आहत करना नाही है। ना ही हमारा उद्देश्य […]Read more