Archive: February 27, 2019

देवी भगवती दुर्गा जी के सोलह नामों की व्याख्या

वेद के कौथिमि शाखा में जो दुर्गा, नारायणी, ईशाना, विष्णुमाया, शिवा, सती, नित्या, सत्या, भगवती, सर्वाणी, सर्वमंगला, अम्बिका, वैष्णवी, गौरी, पार्वती और सनातनी- ये सोलह नाम बताए गए हैं वो […]
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बुरा न मानो होली है !!!

भक्ति, प्रेम, रंग, हास्य, व्यंग, मनोविनोद तथा हर्षोउल्लास के पर्व होली की आपको व् आपके परिवार, मित्रों, एवं सुहृदयों को हर्दिक शुभकामनायें। फाल्गुन मास की पूर्णिमा में मनाये जाने वाले […]
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शुभ एवं मंगलदायक मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनायें ।

आपको व आपके परिवार, सहृदयों व् मित्रों को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनायें । सूर्यदेव उत्तरायण में स्तिथ हो आपके तथा आपके परिवार को आरोग्यता, धन सम्पदा तथा ऐश्वर्य प्रदान […]
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दीपावली की मंगलमय शुभ कामनाएं।

आपको और आपके परिवार, मित्रों और सहृदयों को दीपावली की मंगलमय शुभ कामनाएं। परब्रह्म स्वरूपिणी महादेवी महालक्ष्मी, आप पर सदा सर्वदा अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखें तथा आपको सिद्धि व् […]
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करवा चौथ व्रत – पत्नी तीर्थ माहात्म्य

एक पत्नीव्रत लिए पति तथा पतिव्रत लिए पत्नी की मान्यता केवल हिन्दू सनातन धर्म विवाह पद्धति में ही पायी जाती है । विश्व के किसी भी अन्य समुदाय या समाज […]
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जन्माष्टमी व्रत पूजा विधि

व्रती को चाहिए की स्नान के पश्च्यात धुले हुए वस्त्र धारण करके आसान पर बैठे आचमन करके स्वस्तिवाचन पूर्वक कलश की स्थापना करे। कलश पर परमेश्वर श्री श्रीकृष्ण का आह्वाहन […]
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जन्म मृत्यु के चक्र से मुक्ति प्राप्त कर मोक्ष प्राप्ति का क्या साधन है?

मनुष्य सर्वदा शारीरिक और मानसिक आदि दुखों से आक्रांत ही रहता हैं। मरणशील तो है ही यदि उसने बड़े श्रम और कष्ट से कुछ धन और भोग प्राप्त कर भी […]
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मृत्यु पश्चात पापी और पुण्य आत्माओं की यमलोक की यात्रा किस प्रकार होती है?

यह क्षण भंगुर संसार चक्र जीवन मरण के प्रवाह रूप से अजर है, निरंतर चलते रहने वाला है । कभी स्थिर नहीं रहता। जन्म के उपरांत मनुष्य बाल्यकाल, कौमार्यवस्था, यौवनावस्था […]
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गंगा जी की की उत्पत्ति कैसे हुई? क्या दक्षिण दिशा में बहने वाली गोदावरी भी गंगा का ही एक रूप या अंश है? अंतिम संस्कार के समय मनुष्य की अस्थियों को उत्तर भारत में गंगा या दक्षिण भारत में गोदावरी में प्रवाहित करने की प्रथा क्यों है?

देवी गंगा जी की उत्पत्ति के विषय में अनेक पौराणिक कथाएं एवं किवदंतियां प्रचलित है। सर्वाधिक प्रचलित कथा श्रीमद वाल्मीकि रामायण में वर्णित है, जिसे महर्षि विश्वामित्र ने श्री राम […]
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सनातन धर्म में काल विभागों तथा चतुर्युगों का विभाजन

पृथ्वी आदि कार्यवर्ग का जो सूक्षतम अंश है जिसका और विभाग नहीं हो सकता तथा जो कार्यरूप को प्राप्त नहीं हुआ है उसे ‘परमाणु’ कहते हैं। दो परमाणु मिलने से […]
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