यह एक नई भ्रान्ति समाज में व्याप्त है। कुछ बुद्धिमान व्यक्तियों का मत है की यह सब वन+नर अर्थात वन में वास करने वाले नर थे अतः इनका बन्दर प्रजाति […]Read more
यह सवाल हमारे बंधु श्री Sayanha Kshtri द्वारा पूछा गया था। सायनहा जी सवाल पूछने के लिए धन्यवाद और विलम्ब के लिए हम क्षमा चाहते हैं। सवाल उत्तम है क्यूँकि […]Read more
सर्वशक्तिमान भगवान ने जब देखा की आपस में संगठित ना होने कारण मेरी महत्व आदि शक्तियाँ विश्व रचना में असमर्थ हो रही हैं तब उन्होंने कालशक्ति को स्वीकार कर के […]Read more
ब्रह्मांड के गर्भरूपी जल में निवास करने वाले श्री भगवान ने ब्रह्माजी के अंत:करण में प्रवेश किया और ब्रह्मजी भगवान के पूर्व कल्पों में निश्चित की हुई नामरूपी व्यवस्था के […]Read more
रावण ऋषि विश्रवा और कैकसी का पुत्र था। जन्म के समय उसकी शर्रीरिक बनावट अत्यंत विकराल थी, उसके दस मस्तक, बड़ी बड़ी दाढ़ें, तांबे जैसे होंठ, बीस भुजाएं, विशाल मुख […]Read more
श्री राम शरणम् समस्तजगतां, राम विना का गति। रामेण प्रतिहन्ते कलिमलं, रामाय कार्यं नम:। रामात त्रस्यति कालभीमभुजगो, रामस्य सर्वं वशे । रामे भक्ति खण्डिता भवतु में, राम त्वमेवाश्रय ।। श्री […]Read more
श्रीमदवाल्मीकि रामायण के उत्तर कांड में वर्णित शम्बूक वध प्रसंग का सर्वाधिक राजनीतिकरण किया गया है। विभिन्न राजनेताओं और सम्प्रदायों ने समय समय पर हिन्दू धर्म को विभाजित करने तथा […]Read more
यह विवादित प्रश्न सदैव अधर्मियों, विधर्मियों तथा कुधर्मियों द्वारा श्री राम की निंदा करने तथा हिन्दू धर्म पर आघात पहुँचने के लिए किया जाता है। ज्ञान के अभाव में उनको […]Read more
सर्वप्रथम हमारे बंधु श्री अमरीश तिवारी जी का धन्यवाद जिन्होंने अति उत्तम, रोचक और ज्ञानवर्धक सवाल पूछा। इसका उत्तर तथा वर्णन पद्मपुराण में इस प्रकार मिलता है : धर्म के […]Read more
भगवान् शिव के मंदिर भारतवर्ष के प्राय: प्रत्येक गाँव, शहर या ये कहें की प्रत्येक मार्ग पर पाए जातें हैं तो अतिशोय्क्ति नहीं होगी। प्रत्येक शिव मंदिर में नंदी, कूर्म, […]Read more