वन्दे मातरम् महामन्त्र का विरोध क्यों?
॥ विद्वानेव विजानाति विद्वज्जन परिश्रमम् ॥
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।।ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।।
शतेषु जायते शूरः सहस्त्रेषु च पण्डितः ।
वक्ता दशसहस्त्रेषु दाता भवति वा न वा ॥
शूरवीर सौ में एक, पण्डित हजार में एक और प्रभावी वक्ता दस हजार में से एक मिल सकता है; परन्तु दानवीर दाता तो कोई मुश्किल से ही मिलता है ।
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।।ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।।